असली क्षत्रिय कौन है / क्षत्रिय का धर्म व कर्म क्या है – हमारे देश में विभिन्न प्रकार के कई जाति के लोग रहते हैं. जैसे की ब्राह्मण, शुद्र, क्षत्रिय, वैश्य आदि. जिसमें से क्षत्रिय जाति भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. ऐसा माना जाता है की इस जाति के लोग प्रजा की रक्षा करने में मानते हैं. प्राचीन समय में भी युद्ध आदि में इस जाति के लोग प्रजा की रक्षा के लिए आगे आकर खड़े रहते थे. और लोगो की रक्षा करते थे.
ब्राह्मण ग्रंथ नामक एक ग्रंथ में ब्राह्मण जाति के बाद क्षत्रिय जाति की गणना की जाती हैं. लेकिन बौद्ध ग्रंथ में क्षत्रिय को ब्राह्मण से भी उंचा बताया गया हैं. अर्थात समाज में सर्वोपरि बताया गया हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की असली क्षत्रिय कौन है तथा क्षत्रिय का धर्म क्या है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
असली क्षत्रिय कौन है
कुछ लोगो को सवाल होता है की असली क्षत्रिय कौन है. तो हम आपको बता रहे है की जिसने भी इस जाति में जन्म लिया हैं. सभी क्षत्रिय ही हैं. सभी किसी न किसी क्षत्रिय के वंशज हैं. इसलिए हमारी नजर में तो सभी क्षत्रिय असली ही हैं. इसके अलावा देखा जाये तो जो क्षत्रिय प्रजा की रक्षा करता हैं. लोगो की मदद के लिए आगे आकर खड़ा रहता हैं. और लोगो की मदद करता हैं. वह असली क्षत्रिय होता हैं.
जो दुष्ट लोगो को दंडित करके सज्जन लोगो की सहायता और रक्षा करते है. उन्हें असली क्षत्रिय माना जाता हैं.
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क्षत्रिय का धर्म क्या है / क्षत्रिय का धर्म व कर्म क्या है
जो बीना स्वार्थ के लोगो की सहायता करते हैं. लोगो की रक्षा के लिए आगे आकर खड़े रहते हैं. तथा लोगो की मदद करते हैं. यही क्षत्रिय का मुख्य धर्म माना जाता हैं.
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क्षत्रिय धर्म के नियम
क्षत्रिय धर्म के कुछ मुख्य नियम हमने नीचे बताए हैं.
- क्षत्रिय धर्म में सबसे पहला नियम यह आता है की जो लोग कमजोर लोगो की मदद करके बुरे लोगो को दंडित करते हैं. वह क्षत्रिय कहलाते हैं.
- इसके अलावा क्षत्रिय असहाय लोगो की मदद करते हैं.
- देशद्रोही तथा देश के साथ बुरा करने वालो को दंड देना.
- बुजुर्ग तथा विद्वान लोगो की सेवा करना.
- अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना.
- युद्ध से नहीं डरना.
- हमेशा धैर्यवान रहना.
- हवन आदि करवाना तथा दान आदि करना आदि प्रकार के गुण एक क्षत्रिय में होते हैं.
- और यह सभी नियम क्षत्रिय धर्म के लिए लागू पड़ते हैं.
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क्षत्रिय और राजपूत में अंतर
क्षत्रिय और राजपूत में कुछ अंतर हमने नीचे बताया हैं.
- क्षत्रिय भारतीय समाज का एक वर्ण माना जाता हैं. जबकि राजपूत एक जाति मानी जाती हैं.
- क्षत्रिय शब्द वैदक संस्कृति से निकला हुआ शब्द हैं. जबकि राजपूत छठी शताब्दी से लेकर बारहवीं शताब्दी के बीच विकसित हुआ शब्द माना जाता हैं.
- क्षत्रिय एक धर्म है. सभी क्षत्रिय राजपूत जाति के नहीं होते हैं. लेकिन सभी राजपूत क्षत्रिय धर्म के होते हैं.
- क्षत्रिय का मुख्य कर्तव्य समाज और पशुओं की सुरक्षा करना होता हैं. राजपूत समाज की उत्पति क्षत्रिय धर्म से ही हुई हैं. इसलिए राजपूत क्षत्रिय का एक अंग माना जाता हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की असली क्षत्रिय कौन है तथा क्षत्रिय का धर्म क्या है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह असली क्षत्रिय कौन है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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