हार्ट की जांच कैसे होती है – 6 तरीके जाने हार्ट की जाँच के

हार्ट की जांच कैसे होती है6 तरीके जाने हार्ट की जाँच के – एक स्वस्थ शरीर के लिए हार्ट का स्वस्थ होना बहुत ही जरूरी होता हैं. अगर आपके हार्ट में किसी भी कारण से समस्या उत्पन्न होती हैं. तो आपको हार्ट की जांच करवाने की जरूरत पड़ती हैं.

हार्ट की जांच विभिन्न तरीको से होती जिसके बारे में हम इस आर्टिकल के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करने वाले हैं. इसलिए यह महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

Heart-ki-janch-kaise-hoti-h (2)

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की हार्ट की जांच कैसे होती है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

हार्ट की जांच कैसे होती है

वैसे तो हार्ट की जांच विभिन्न तरीको से होती हैं. जिसके बारे में हमने नीचे विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की हैं.

हार्ट की जांच के लिए ब्लड टेस्ट

हार्ट की जांच के लिए ब्लड टेस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं. ब्लड टेस्ट में अगर आपके शरीर में पोटेशियम, सोडियम, एल्ब्यूमिन की मात्रा अधिक पाई जाती हैं. तो यह आपके हार्ट के लिए खतरनाक माना जाता हैं.

इन तत्वों की मात्रा अधिक होने से इसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता हैं. और इस कारण हमे अन्य और भी बिमारियों का सामना करना पड़ता हैं. इसलिए हार्ट की जांच के लिए ब्लड टेस्ट सबसे पहले किया जाता हैं.

हार्ट की जांच के लिए चेस्ट का एक्सरे

हार्ट की जांच के लिए कई बार डॉक्टर चेस्ट का एक्स-रे करते हैं. इस प्रक्रिया में रेडिएशन का इस्तेमाल करके हार्ट और चेस्ट के फोटो लिए जाते हैं. इससे डॉक्टर को मरीज के सांस और हार्ट में दर्द का कारण पता चलता हैं. इसलिए कई बार चेस्ट का एक्स-रे करके भी हार्ट की जांच की जाती हैं.

Heart-ki-janch-kaise-hoti-h (1)

क्या पीरियड मिस होने के बाद वाइट डिस्चार्ज होता है – सम्पूर्ण जानकारी

हार्ट की जांच के लिए इको टेस्ट

हार्ट की जांच के लिए कई बार इको टेस्ट भी काफी मददरूप साबित होता हैं. इको टेस्ट जिसे इकोकार्डियोग्राम के नाम से जाना जाता हैं. यह एक आधुनिक तकनीक है. जिसमें ध्वनी तरंगो के माध्यम से हार्ट की तस्वीर ली जाती हैं.

इस तकनीक में हार्ट की अंदर की पूरी तस्वीर सामने आ जाती हैं. इको टेस्ट की मदद से हार्ट की धड़कन और पम्पिंग के बारे में जाना जा सकता हैं. इको टेस्ट में मरीज को किसी भी प्रकार का दर्द नही होता हैं. कई बार इको टेस्ट करके भी डॉक्टर हार्ट की जांच करते हैं.

हार्ट की जांच के ईसीजी टेस्ट

ईसीजी जिसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम के नाम से जाना जाता हैं. यह भी आज के समय की आधुनिक तकनीक मानी जाती हैं. ईसीजी करने से मरीज को कोई भी दर्द आदि नही होता हैं. और आसानी से हार्ट की जांच होती हैं.

ईसीजी के माध्यम से यह पता चलता है की मरीज का हार्ट काम कर रहा है या नही. इसलिए कई बार हार्ट की चलने और नही चलने की परिस्थिति को जानने के लिए डॉक्टर के द्वारा ईसीजी किया जाता हैं.

पायरिया के लिए कौन सा टूथपेस्ट अच्छा है / पायरिया का आयुर्वेदिक इलाज

हार्ट की जांच के लिए होल्टर मोनिटरिंग

कई बार डॉक्टर के द्वारा हार्ट की जांच के लिए होल्टर मोनिटरिंग टेस्ट किया जाता हैं. इस टेस्ट में ईसीजी के पोर्टेबल डीवाइस का इस्तेमाल किया जाता हैं. इसमें पोर्टेबल डीवाइस को 24 से 72 घंटे तक मरीज को पहनाया जाता हैं.

इससे हार्ट की गति के बारे में पता चलता हैं. की आपका हार्ट गति से चल रहा है या फिर आपके हार्ट की गति धीमी हो चुकी हैं. यह टेस्ट तब किया जाता हैं. जब ईसीजी से हार्ट की जांच करने पर बीमारी के बारे में पता नही चलता हैं.

हार्ट की जांच के लिए स्ट्रेस टेस्ट

हार्ट की जांच के लिए कई बार स्ट्रेस टेस्ट भी किया जाता हैं. इससे यह पता चलता है की आपका हार्ट स्ट्रेस के समय सही चल रहा है या नही.

हार्ट की जांच के लिए कुछ इस तरीको को अपनाया जाता हैं.

Heart-ki-janch-kaise-hoti-h (3)

शादी के कितने दिन पहले ब्लीच करना चाहिए – सम्पूर्ण जानकारी

निष्कर्ष    

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की हार्ट की जांच कैसे होती है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह हार्ट की जांच कैसे होती है 6 तरीके जाने हार्ट की जाँच के आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

बीज निकालने से क्या नुकसान होता है – क्या खाने से बीज बनता है

टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है / टॉन्सिल बढ़ने से क्या होता है

मौसमी का जूस कब पीना चाहिए – सम्पूर्ण जानकारी