अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बॉय और गर्ल (Baby gender) कैसे पता करे इन हिंदी

अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बॉय और गर्ल कैसे पता करे इन हिंदी, baby gender अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बॉय और गर्ल in hindi – अल्ट्रासाउंड करवाने के बहुत से कारण हैं. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारण है. गर्भ में पल रहा शिशु गर्ल है या बॉय. प्रेगनेंसी कोई सस्पेंस से कम नहीं हैं. क्योंकि आने वाले चंद हफ्तों में क्या हो जाए हमें नहीं पता होता हैं. प्रेगनेंस की दौरान शिशु का जैसे जैसे विकास होता है. वैसे वैसे माता-पिता की दिलचस्पी बढती जाती है की पेट में लड़का है या लड़की.

लेकिन कुछ लोग यह जान ने के लिए भी अल्ट्रासाउंड करवाते है की पेट में बॉय है या गर्ल. वैसे तो अल्ट्रासाउंड करवाने के पीछे और भी कई कारण है. जैसे की शिशु को होने वाले जन्मजात बीमारी का पता लगाना.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल (सोनोग्राफी टेस्ट फॉर जेंडर इन हिंदी) के माध्यम से अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेगे तथा इससे संबंधित सभी टॉपिक कवर करेगे.

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वैसे तो हर औरत का सपना होता है माँ बनने का फिर चाहे वह लड़का हो या लड़की. लेकिन ज्यादातर लोगो में लड़का है या लड़की इस बात को लेकर मन में सवाल चलते रहते हैं. इसलिए अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट से पता चल सकता है की गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की.

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लेकिन क़ानूनी तौर पर यह परीक्षण कराना अपराध हैं. भारत में जन्म से पहले शिशु का लिंग पता कराना अपराध हैं. भारतीय कानून किसी भी मशीन या तकनीक की मदद से भ्रूण में पल रहे बच्चे के परीक्षण की इजाजत नही देता हैं.

अल्ट्रासाउंड में लड़के की क्या पहचान है

पहले तिन महीनों में लड़का होने के लक्षण कुछ इस प्रकार से होते हैं.

भ्रूण के सिर के आकार से लिंग का अनुमान लगाना

बहुत से अनुभवी चिकित्सक जो लगातार गर्भवती महिला का परीक्षण करते है. उन्हें गर्भ में चल रही छोटी से छोटी हलचल भी पता चल जाती हैं. गर्भस्थ शिशु में क्या परिवर्तन हुआ है वह बड़े आसानी से पहचान लेते हैं.

बहुत से चिकित्सक गर्भ में पल रहे शिशु के सिर का आकार देखकर ही पता लगा लेते है की शिशु आगे चलकर लड़का होगा या लड़की. इसमें भ्रूण की उम्र कम से कम 12 हफ्तें होनी चाहिए.

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क्योंकि पुरुष और स्त्री दोनों की ही एक अलग अलग पहचान होती हैं. और उन दोनों में काफी कुछ अलग अलग भी होता हैं. इसे देखकर वह पहचान लेते हैं. अधिकतर मामलों में नर शिशु और मादा शिशु में थोडा बहुत तो अंतर होता ही हैं. तथा उनके विकास की भी अपनी अपनी एक विधि होती हैं.

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अपने स्कैन के द्वारा चिकित्सक वर्षो से ही गर्भ में पल रहे शिशु को बड़े होते हुए देखते हैं. इसलिए वह लड़का या लड़की के विकास के प्रारंभिक अवस्था को पहचानने लगते हैं. वह सिर से तो पहचान ही लेते है. की गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की. लेकिन इसके अलावा भी काफी कुछ मेजरमेंट करके और उनके अनुभव से पता लगा सकते है की गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग क्या हैं.

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यह सब चिकित्सक के अनुभव के आधार पर ही होता है चिकित्सक के अनुभव के आधार पर ही वह पहले से पता लगा सकते है की गर्भ में लड़का है या लड़की.

नब लिंग परीक्षण

दूसरी एक टेकनिक है नब लिंग परीक्षण इसमें सिर्फ मेजरमेंट करना होता हैं. प्रेगनेंसी के 11 से 13 हफ्तें के बिच शिशु के पैरो के बिच ट्यूबरकल नाम का जननांग होता हैं. जिसे नब कहते हैं. यही जननांग आगे जाकर लिंग का निर्धारण करता हैं. अगर नब का कोण रीढ़ की हड्डी से 30 डिग्री अधिक बनता हैं. तो इससे गर्भ में लड़का है यह अनुमान लगाया जा सकता हैं.

और अगर नब का कोण रीड की हड्डी से 30 डिग्री कम पाया जाता है. तो लड़की होने के संकेत हैं. तो इस तरीके से अल्ट्रासाउंड के माध्यम से गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की जान सकते हैं.

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लेकिन कोई यह परीक्षण भ्रूण हत्या के हेतु से करना चाहता है. तो यह कानूनन अपराध हैं. इसमें आपको जेल तथा जुर्माना दोनों ही हो सकता हैं.

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दोस्तों हमने आपको ज्ञान के लिए यह सब बताया है. लेकिन आप इस तरीके से पता नही लगा सकते हैं.

यह तो अल्ट्रासाउंड से शिशु लड़का है या लड़की जान ने का प्रोसेस बताया. लेकिन आप घर पर ही जान सकते है की शिशु लड़का है या लड़की उस के लिए पहले से कुछ संकेत दीखते हैं. जो की हम आपको बताएगे.

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गर्भ में लड़का होने के लक्षण

गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की इसका 100 फीसदी सही अनुमान तो नही लगाया जा सकता. लेकिन कुछ लोग नीचे दिए गए लक्षण से लड़का होने का अनुमान लगाते हैं.

पेट का आकार

अगर गर्भवती महिला का पेट भारी और नीचे की तरफ झुका हुआ है तो इससे लड़का होने का अनुमान लगाया जाता हैं.

त्वचा में बदलाव

प्रेगनेंसी के दौरान त्वचा में बदलाव आना नोर्मल बात हैं. लेकिन ऐसा माना जाता है की गर्भ में लड़का है तो मुहं पर दाने तथा मुंहासे ज्यादा दिखाई देते हैं. तथा गर्भवती महिला का चेहरा मुरझाया सा दिखता हैं.

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चटपटा भोजन करने की इच्छा

वैसे तो गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान चटपटा खाना पसंद होता है . लेकिन ऐसा माना जाता है की गर्भ में अगर लकड़ा है तो चटपटा खाने का मन ज्यादा होता हैं.

दिल की धडकन

गर्भ में पल रहे बच्चे का दिल लगभग एक मिनिट में 140 बार धडकता हैं. लडको के दिल की धड़कन धीमी धड़कती है इसलिए अगर एक मिनिट में दिल की धड़कन 140 बार से कम धडके तो इसे लड़का होने का लक्षण माना जाता हैं.

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल (अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बॉय और गर्ल कैसे पता करे इन हिंदी | baby gender अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बॉय और गर्ल in hindi) के माध्यम से अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट से गर्भ में लड़का है या लड़की यह समझाने की कोशिश की हैं. यह सभी जानकारी हमने आपको सिर्फ ज्ञान तथा नॉलेज के लिए बताई है. इस तरीके से अल्ट्रासाउंड से गर्भ का परीक्षण कराना भारतीय कानून में अपराध हैं. इस के लिए जेल तथा जुर्माना भी हो सकता हैं.

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इसके अलावा हमने आपको अंत में लड़के होने के कुछ लक्षण बताए है जिससे आप अनुमान लगा सकते हैं. यह आप के लिए दिलचस्प होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल (सोनोग्राफी टेस्ट फॉर जेंडर इन हिंदी) अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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