ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम / ब्रह्म कमल की विशेषता

ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम / ब्रह्म कमल की विशेषता – ब्रह्म कमल एक विशेष प्रकार का फुल है. जिसका वानस्पतिक नाम Sauuurea obvallata हैं. हिंदू सनातन धर्म में इस फुल को पवित्र फुल माना जाता हैं. इसलिए इस फुल का प्रयोग देवी-देवता को चढाने में भी किया जाता हैं. इसके अलावा इस फुल एक यह भी विशेषता है. की इस फुल का इस्तेमाल काफी सारी बीमारी ठीक करने में किया जाता हैं.

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ऐसा माना जाता है की ब्रह्म कमल के फुल का रस अमृत के समान होता हैं. यह फुल पवित्र होने की वजह से इसके तोड़ने के भी कुछ नियम है. इस फुल को ऐसे ही नहीं तोडा जाता हैं. इस फुल को तोड़ने के कुछ नियम और विशेषताएं जानने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम तथा ब्रह्म कमल की विशेषता के बारे में बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम

ब्रह्म कमल को ब्रह्मा जी का कमल नाम से जाना जाता हैं. यह फुल पवित्र होने के साथ साथ ब्रह्माजी और नंदा का प्रिय फुल माना जाता हैं. इस फुल को सिर्फ नन्दाष्ठमी के दिन ही तोडा जाता हैं. इसके अलावा किसी भी दिन इस फुल को तोडना वर्जित माना गया हैं. साल में सिर्फ एक ही दिन ऐसा आता हैं. जिस दिन इस फुल को आप तोड़ सकते हैं.

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ब्रह्म कमल की विशेषता

ब्रह्म कमल की कुछ विशेषताएं हमने नीचे बताई हैं.

  • ब्रह्म कमल एक ऐसा फुल है जो सिर्फ रात्रि के समय ही खिलता हैं.
  • ब्रह्म कमल जब खिलता है तो उसकी आकृति ब्रह्म देव तथा त्रिशूल के समान दिखाई देती हैं.
  • ब्रह्म कमल की एक मुख्य विशेषता यह है की यह फुल ना ही किसी से खरीदा जा सकता हैं. और ना ही इस फुल को किसी को बेचा जाता हैं. यह फुल देवता प्रिय माना जाता हैं. इसलिए इस फुल को कभी खरीदा और बेचा नहीं जाता हैं.
  • यह फुल बहुत ही मुश्किल से दिखाई देता है. और काफी मुश्किल से उगता हैं. ऐसा माना जाता है की जो व्यक्ति इस फुल को उगता हुआ देखा लेता हैं. तो उसके दर्शन मात्र से ही उस व्यक्ति का भाग्य खुल जाता हैं.
  • ब्रह्म कमल के फुल के रस को अमृत के समान माना जाता हैं.

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ब्रह्म कमल के बारे में

ब्रह्म कमल के बारे में कुछ जानकारी हमने नीचे प्रदान की है.

  • ब्रह्म कमल अधिकतर बर्फीले क्षेत्रो में उगता हैं.
  • ब्रह्म कमल को अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नामों से जाना जाता हैं. जैसे की इस फुल को उत्तराखंड में ब्रह्म कमल, कश्मीर में गलगल, उत्तर पश्चिम भारत में बरगनडटोगेस तथा हिमाचल प्रदेश में दुधाफल के नाम से जाना जाता हैं.
  • इस फुल की भारत में कुल 24 प्रजातियां पाई जाती हैं.
  • और पुरे संसार में इस फुल की कुल 210 प्रजातियां पाई जाती हैं.
  • ब्रह्म कमल फुल साल भर में सिर्फ एक बार रात्रि के समय ही खिलता हैं.
  • ब्रह्म कमल फुल इस्तेमाल काफी सारी बीमारी में भी किया जाता हैं. जैसे की कैंसर की रोकथाम में इस फुल का इस्तेमाल किया जाता हैं.

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ब्रह्म कमल किस देवता को चढ़ाया जाता है

ब्रह्म कमल ब्रह्माजी और भगवान शिव का प्रिय माना जाता हैं. इसलिए आप इन दोनों देवता को ब्रह्म कमल फुल चढ़ा सकते हैं.

ब्रह्म कमल कब खिलता है

ब्रह्म कमल साल भर में सिर्फ एक बार ही खिलता हैं. यह एकमात्र फुल ऐसा है जो रात्रि के समय खिलता हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम तथा ब्रह्म कमल की विशेषता बताई हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम / ब्रह्म कमल की विशेषता आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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