गोत्र कुलदेवी लिस्ट जाने – कुलदेवी का महत्व तथा सरल पूजा विधि – भारत में अलग-अलग प्रकार की काफी सारी जातियां और समाज पाए जाते हैं. इस सभी जाति की अलग-अलग कुलदेवी होती हैं. और हर समाज के लोग अपनी जाति की कुलदेवी की पूजा-अर्चना करते हैं. अपने घर में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले हमारी कुलदेवी को याद किया जाता हैं.
कुलदेवी की पूजा अर्चना करने की परंपरा पुराने समय से ही चली आ रही हैं. और आज के समय में भी लोग अपनी कुलदेवी को श्रद्धा और विश्वासपूर्वक मानते हैं. लेकिन आज हम आपको इस आर्टिकल में किस गोत्र की कौनसी कुलदेवी हैं. इसके बारे में बताने वाले हैं. इसलिए यह जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गोत्र कुलदेवी लिस्ट तथा कुलदेवी का महत्व बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
Table of Contents
गोत्र कुलदेवी लिस्ट
हमने कुछ गोत्र के कुलदेवी की लिस्ट नीचे प्रदान की हैं.
क्रम | गोत्र / जाति / समाज | कुलदेवी |
1. | गोरवाल समाज | सर्वेश्वरी माता |
2. | गुर्जर गौड़ समाज | अंबामाता |
3. | मीणा समाज | चामुंडा देवी |
4. | पंच्गौड़ समाज | मनसा देवी |
5. | राजपुरोहित समाज | चामुंडा देवी |
6. | श्री माली समाज | कमलेश्वरी माता |
7. | सिखवाल समाज | आशापुरी |
8. | मैढ क्षत्रिय समाज | अन्नपूर्णा माता |
9. | ओसवाल समाज | अधर माता |
10. | भार्गव समाज | जाखन माता |
11. | औदिच्य समाज | आशापुरी माता |
12. | आदिगौड़ समाज | कल्याणी माता |
13. | अग्रवाल समाज | महालक्ष्मी माता |
14. | कायस्थ समाज | जीन माता |
15. | दाधीच समाज | दधिमथि माता |
16. | खंडेलवाल वैश्य समाज | अमरल माता |
17. | माहेश्वरी समाज | नौसर माता |
18. | नरसिंगपूरा समाज | वारणी देवी |
19. | रैबारी समाज | बायण माता |
20. | पुष्करणा समाज | वितरनी माता |
21. | पोरवाल समाज | अम्बिका माता |
22. | पारिक समाज | आदसगत माता |
23. | महाराष्ट्रिय ब्राह्मण समाज | मातापुरी |
24. | खंडेलवाल श्रावक समाज | अमाणी माता |
25. | राजपूत समाज | कालिका माता |
कुलदेवी का महत्व
हिंदू सनातन धर्म में आपको हर घर में जाति के अनुसार कुलदेवी का पूजन देखने को मिलेगा. हर जाति में कोई न कोई कुलदेवी होती हैं. जिसकी पूजा अर्चना रोजाना की जाती हैं. ऐसा माना जाता है की जिस घर में कुलदेवी की पूजा होता है उस घर में कभी भी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं होती हैं.
कोई भी ऊपरी बाधा घर में आने से पहले या फिर हमारे तक आने से पहले कुलदेवी से संघर्ष करती हैं. लेकिन हमारी कुलदेवी ऐसी बाधा से हमारी रक्षा करती हैं.
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इसके अलावा भी कुलदेवी के पूजन से हमें काफी लाभ होते हैं. जैसे की परिवार में सुख बना रहता हैं. कुलदेवी की शक्ति हमारे चरों तरफ होती हैं. जो नेगेटिव वस्तु से हमारा बचाव करती हैं. रोजाना नियमति रूप से कुलदेवी की पूजा अर्चना करने से परिवार के सदस्य का स्वास्थ्य हमेशा के लिए अच्छा बना रहता हैं. इसलिए हमारे लिए कुलदेवी काफी महत्व रखती हैं.
कुलदेवी की सरल पूजा विधि
कुलदेवी की सरल पूजा विधि हमने नीचे बताई हैं.
- सबसे पहले तो यह ध्यान रखे की कुलदेवी की पूजा स्नान आदि करने के बाद शुद्ध होकर ही करे.
- कुलदेवी की पूजा की शुरुआत शुद्ध घी का दीपक जलाकर की जाती हैं. इसलिए शुद्ध घी का दीपक जलाकर कुलदेवी की पूजा आरंभ करे.
- दीपक जलने के बाद सुगंध के लिए अगरबत्ती, धुप या कपूर आदि अवश्य जलाए.
- इतना हो जाने के पश्चात माता को पुष्प आदि अर्पित करे.
- उनकी प्रतिमा को कुमकुम या चंदन का टिका लगाए.
- पूजा हो जाने के बाद कुलदेवी को शुद्ध और सात्विक भोग लगाए.
- अंत में उन्हें जल अर्पित करे. और उनके नाम से कोई भी मंत्र, पाठ या आरती करे.
- इस प्रकार से सरल विधि से आप कुलदेवी की पूजा कर सकते हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गोत्र कुलदेवी लिस्ट तथा कुलदेवी का महत्व बताया हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह गोत्र कुलदेवी लिस्ट – कुलदेवी का महत्व तथा सरल पूजा विधि आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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