शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में – शीशम के पत्ते के फायदे मासिक धर्म में

शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में – शीशम के पत्ते के फायदे मासिक धर्म में – शीशम के बारे में तो आप सभी लोग जानते ही हैं. इसके पेड़ का मुख्य उपयोग फर्नीचर बनाने में होता हैं. लेकिन आयुर्वेदिक में भी शीशम को काफी महत्व दिया जाता हैं. शीशम के पत्तो का उपयोग आयुर्वेदिक में काफी अधिक किया जाता हैं.

ऐसा माना जाता है की शीशम के इस्तेमाल से आप काफी सारी बीमारी को दूर कर सकते हैं. इसकी जड़ का उपयोग भी आयुर्वेदिक दवा बनाने में होता हैं. शीशम से विभिन्न प्रकार के तेल भी बनाए जाते हैं. जो काफी सारी बीमारी में काम में लिया जाता हैं.

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में

वैसे तो शीशम के पत्तो का उपयोग काफी सारी बीमारी को खत्म करने के लिए होता हैं. लेकिन धातु रोग में भी शीशम के पत्तो का उपयोग होता हैं. धातु रोग में शीशम के पत्ते काफी फायदेमंद माने जाते हैं.

इसके इस्तेमाल से धातु रोग से छुटकारा पाया जा सकता हैं. अगर कोई भी धातु रोग से पीड़ित हैं. तो उन्हें शीशम के पत्तो का उपयोग करना चाहिए. इससे धातु रोग की समस्या जडमूल से खत्म हो जाती हैं.

धातु रोग से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले आपको सुबह उठकर खाली पेट दस से बारह शीशम के पत्ते चबा चबा कर खा लेने हैं. जब तक मुंह में शीशम के पत्तो की सलाइवा नही बन जाती. तब तक चबाते रहे. इसके बाद इसे पेट में उतार ले. यह आसान सा उपाय आपको लगातार सात दिन तक करना हैं.

यह उपाय करने से आपको धातु रोग से छुटकारा मिलेगा.

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शीशम के पत्ते के फायदे मासिक धर्म में

मासिक धर्म में भी शीशम के पत्तो का उपयोग किया जा सकता हैं. मासिक धर्म में भी शीशम के पत्ते काफी फायदेमंद माने जाते हैं. अगर आपको मासिक धर्म के दौरान काफी अधिक दर्द हो रहा हैं. तो ऐसे दर्द को खत्म करने के लिए आप शीशम के पत्तो का उपयोग कर सकते हैं.

इसके लिए आपको सबसे पहले 10 से 15 शीशम के पत्ते ले लेने हैं. अब इनको आधे गिलास पानी में डालकर अच्छे से उबालकर इसका काढ़ा तैयार कर लेना हैं. अब इस काढ़े को ठंडा होने पर एक एक घूंट पानी हैं. यह उपाय करने से आपके मासिक धर्म में होने वाला दर्द खत्म हो जाएगा.

अगर आपको मासिक अधिक आ रहा हैं. तो इसे सामान्य करने के लिए भी शीशम के पत्तो का उपयोग किया जा सकता हैं. मासिक को सामान्य करने के लिए सबसे पहले आपको शीशम के पत्तो का अर्क या एसेंस लेना हैं.

इसकी मात्रा 10 से 15 ग्राम होनी चाहिए. इसको आप सुबह और शाम दो समय गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं. यह उपाय आपको दो से चार दिन करना हैं. इससे आपका मासिक रेगुलर और सामान्य होगा. तथा अधिक मासिक आने की समस्या से छुटकारा मिलेगा.

तो यह उपाय करके आप मासिक धर्म में शीशम के पत्तो से आराम पा सकते हैं.

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अलग अलग बीमारी में अलग अलग तरीके से शीशम के पत्तो का उपयोग किया जाता हैं. लेकिन सामान्य रूप से देखा जाए तो कुछ लोग सुबह खाली पेट 10 से 15 शीशम के पत्ते लेकर ऐसे ही चबाकर खा लेते हैं. इसके अलावा कुछ लोग इसका काढ़ा बनाकर भी पीते हैं.

काढ़ा बनाने के लिए 10 से 15 शीशम के पत्ते लेने हैं. अब इसको आधे गिलास पानी में अच्छे से उबाल लेना हैं. अब इसको छान लेना हैं. आपका काढ़ा तैयार हो जाएगा. तो कुछ लोग काढ़ा बनाकर पीते हैं.

कुछ लोग शीशम के पत्तो का पाउडर का उपयोग करते हैं. शीशम के पत्तो को सुखा करके उसे अच्छे से मिक्सी में पीस लेते हैं. और उस पाउडर का पानी के साथ सेवन करते हैं. तो कुछ इस प्रकार से शीशम के पत्तो का उपयोग किया जाता हैं.

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निष्कर्ष                   

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह शीशम के पत्ते के फायदे धातु रोग में आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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