सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के नियम जाने – सम्पूर्ण जानकारी

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के नियम जाने – सम्पूर्ण जानकारी – सिद्ध कुंजिका स्तोत्र तो शायद सभी लोगो ने सुना होगा और कुछ लोग तो इस स्तोत्र का जाप भी करते होगे. ऐसा माना जाता है की सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की लगभग सभी प्रकार की समस्या खत्म हो जाती हैं. इस स्तोत्र का पाठ करने से आपको अन्य कोई मंत्र या स्तोत्र का पाठ करने की लगभग आवश्यता नहीं पड़ेगी.

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क्योंकि यह स्तोत्र सभी प्रकार के दुखो को दूर करने में सक्षम माना जाता हैं. लेकिन सिद्ध कुंजिका स्तोत्र करने के कुछ नियम है. उस नियम के अनुसार ही इस स्तोत्र का पाठ करना अनिवार्य होता हैं. अगर आप नियम के अनुसार सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं. तो आपको पाठ करने का पूर्ण फल मिलता हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के नियम बताने वाले हैं. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के नियम

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के कुछ नियम हमने नीचे बताए हैं.

  • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ आपको बहुत ही सावधानी पूर्वक करना होगा.
  • अगर आप रोजाना की पूजा करने के बाद इस स्तोत्र का पाठ करते हैं. तो बहुत ही अच्छा माना जाता हैं. लेकिन अगर आप किसी भी प्रकार की इच्छापूर्ति या मनोकामना पूर्ण करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ करते हैं. तो आपको कुछ अधिक विशेष सावधानी रखनी होगी. और नियम का पालन करना होगा. जिसके कुछ नियम इस प्रकार हैं.
  • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ शुरू करने से पहले आपको संकल्प लेना होगा. संकल्प लेने के लिए आपको हाथ में अक्षत चावल, पुष्प तथा शुद्ध जल लेना होगा. और मनोमन माता दुर्गा से इच्छापूर्ति की प्रार्थना करनी होगी.
  • अब आप कितने पाठ करना चाहते हैं. उसका संकल्प भी साथ में ही ले ले. आप अपनी इच्छा अनुसार एक, दो, पांच, सात या इससे अधिक बार पाठ करने के लिए संकल्प ले सकते हैं.
  • इस स्तोत्र का जाप आपको माला के साथ ही करना है. आप किसी भी माला का इस्तेमाल इस स्तोत्र के जाप के लिए कर सकते हैं. लेकिन जिस माला का आप रोजाना प्रयोग करते हैं. उसी माला का रोजाना प्रयोग करते रहे.
  • जिस दिन से आप सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ करने का संकल्प लेते हैं. उस दिन से ब्रह्मचर्य का पालन करना शुरू कर दे.

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  • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ हमेशा बैठकर ही किया जाता हैं. आप एक शुद्ध आसन बिछाकर बैठकर इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं. अगर लाल आसन का इस्तेमाल करते हैं. तो अतिउत्तम माना जाता हैं. खड़े रहकर इस स्तोत्र का पाठ भूलकर भी न करे.
  • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ शुरू करने से पहले देवी के समक्ष एक घी का और दूसरा सरसों के तेल का दीपक अवश्य लगाए.
  • घी का दीपक देवी माँ के दाए तरफ तथा सरसों तेल का दीपक देवी माँ के बाए तरफ रखे.
  • अब आप अपनी इच्छा अनुसार तथा लिए हुए संकल्प के अनुसार सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना शुरू करे.
  • यह पाठ करने का सबसे अच्छा और शुभ समय रात्रि 9 बजे का माना जाता हैं. अगर आप रात्रि के 9 से लेकर30 तक इस स्तोत्र का पाठ करते हैं. तो यह समय अतिउत्तम माना जाता हैं.
  • जब भी आप स्तोत्र का पाठ करे रात्रि के समय भी स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करके ही करे.
  • स्तोत्र पूर्ण हो जाने के बाद देवी माँ को पुष्प आदि अर्पित करे. तथा अपने घर में बनी किसी भी मीठी सात्विक वस्तु का भोग लगाए.
  • इसके पश्चात देवी माँ से भूलचूक की माफ़ी मांगे और उनसे मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करे.
  • देवी माँ को लगाए गये भोग को स्वयं भी खाए और परिवार में भी बाँट दे.
  • इस प्रकार से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से पहले नियम का पालन करना जरूरी होता हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के नियम बताए हैं. हम उम्मीद करते हैं की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के नियम जाने – सम्पूर्ण जानकारी आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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